
संजय गुप्ता/बलरामपुर@ जिले का 79वां स्वतंत्रता दिवस इस बार ऐतिहासिक बन गया। पहली बार जिले के कोटवार वर्ग को मुख्य समारोह की परेड में शामिल होने का अवसर मिला। कलेक्टर राजेंद्र कटारा की संवेदनशील पहल और सतत प्रयासों से यह सपना साकार हुआ। ग्रामीण व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले कोटवार अब तक प्रशासनिक सहयोग और सुरक्षा के जिम्मेदारियों में चुपचाप योगदान देते रहे हैं। लेकिन इस स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने अनुशासित परेड कर अपने योगदान को न केवल दिखाया बल्कि एक नई पहचान भी बनाई।
सुशील बुनकर के नेतृत्व में कोटवार वर्ग ने अनुशासित चाल और देशभक्ति से ओतप्रोत कदमताल किया। उनका प्रदर्शन इतना प्रभावशाली रहा कि मुख्य अतिथि ने सराहना करते हुए कोटवार दल को शील्ड भी प्रदान की। सुशील बुनकर ने कहा, “यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। पहली बार हमें मंच मिला और हम परेड में सम्मानित हुए। आगे भी अवसर मिलेगा तो हम पूरे समर्पण के साथ योगदान देंगे।” कलेक्टर राजेंद्र कटारा की पहल ने यह साबित किया कि समाज का कोई भी वर्ग छोटा नहीं होता, बस उसे अवसर और पहचान की आवश्यकता होती है।
विशेष तैयारी और योगदान
कोटवार वर्ग की तैयारी में एसडीओ आनंद राम नेताम, तहसीलदार रवि भोजवानी, राकेश कानूनगो और पुलिस जवान जनार्दन तिवारी का विशेष योगदान रहा। इन अधिकारियों ने कोटवारों के लिए ड्रेस, आवश्यक सामग्री, ठहरने व भोजन की संपूर्ण व्यवस्था कराई। शुरुआत में आशंकित कोटवारों ने केवल एक सप्ताह के अभ्यास में ही अनुकरणीय प्रदर्शन कर सबको प्रभावित किया।
गर्व और भविष्य की भागीदारी कोटवार वर्ग ने इस अवसर को अपने जीवन का गौरव बताया और आगामी गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर भी परेड में शामिल होने की इच्छा जताई।
इस बार की परेड में कोटवार वर्ग की सहभागिता ने न केवल उनकी भूमिका को सम्मानित किया बल्कि प्रशासन की समावेशी सोच और संवेदनशील पहल का सशक्त संदेश भी दिया।