संजय गुप्ता/बलरामपुर@ जिले की ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीईओ नयनतारा सिंह तोमर ने कड़ा रुख अपनाया है.. हाल ही में उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त पांच ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किया है और वाड्रफनगर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत सरना में अनियमितताओं के लिए सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और आवास मित्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ राशि वसूली के निर्देश जारी किए हैं.. इस कार्रवाई से जिले के भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों और पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया है..
सरना में घोटाले का खुलासा !
वाड्रफनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सरना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुछ हितग्राहियों की किस्त की राशि अन्य व्यक्तियों के खातों में हस्तांतरित होने की शिकायत मिली थी.. जांच के दौरान पंचनामा, बयानों और एमआईएस डेटा के आधार पर यह पाया गया कि राशि गलत खातों में डाली गई.. जांच में यह भी सामने आया कि आवास मित्र देवंती जायसवाल और अनुराग काशी ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर स्वयं और अपने परिवार के सदस्यों को योजना का लाभ दिलवाया.. इसके अलावा, सरपंच हीरामनी सिंह और सचिव आनंद गुप्ता ने ग्राम सभा प्रस्ताव के माध्यम से अपात्र व्यक्तियों को पात्र बनाकर लाभान्वित किया.. रोजगार सहायक गोवर्धन सिंह के पुत्र विजय सिंह को भी वारिस बनाकर अनियमित रूप से लाभ दिलाया गया..

सीईओ के सख्त निर्देश !!
सीईओ नयनतारा सिंह तोमर ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए जनपद पंचायत वाड्रफनगर के सीईओ को निर्देश दिए हैं कि आवास मित्र देवंती जायसवाल, अनुराग काशी, सरपंच हीरामनी सिंह, सचिव आनंद गुप्ता और रोजगार सहायक गोवर्धन सिंह से योजना के तहत जारी राशि की वसूली की जाए और एफआईआर दर्ज की जाए..
इन पांच सचिवों पर गिरी गाज !!
पिछले कुछ दिनों में सीईओ ने प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य योजनाओं लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में पांच ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किया है.. निलंबित सचिवों में रनसाय मरावी चान्दो अनूप कुमार दूबे कुसमी, बालदेव सिंह रामचंद्रपुर, बलदेव यादव रामचंद्रपुरऔर परमानंद यादव तरकाखाड़ शामिल हैं.. इन पर हितग्राही मूलक कार्यों में जानबूझकर लापरवाही बरतने का आरोप है..
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस !!
जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर ने भ्रष्टाचार और लापरवाही करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई से जिले की पंचायतों में हड़कंप मचा हुआ है.. यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ वास्तविक हितग्राहियों तक पहुंचे..