संजय गुप्ता/बलरामपुर@ बलरामपुर पुलिस ने गौ-वंशीय पशुओं की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करते हुए इस मामले में मुख्य आरोपी तौफीक अंसारी सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.. थाना कोतवाली बलरामपुर की विशेष टीम ने झारखंड के रंका से फरार दो आरोपियों को धर दबोचा, जिससे तस्करों के हौसले पस्त हो गए हैं..
पुलिस के अनुसार, 4 मई 2025 को मुखबिर की सूचना पर थाना बलरामपुर क्षेत्र में झारखंड के पशु तस्करों को 6 बैलों को पिकअप वाहन में भरकर ले जाते हुए पकड़ा गया था.. घटना के बाद चालक सहित अन्य आरोपी फरार हो गए थे.. इस मामले में थाना बलरामपुर ने छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 4, 6, 10 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11(1)(घ) के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की.. जांच में संगठित अपराध का खुलासा होने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 भी जोड़ी गई।

विवेचना के दौरान पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक पिकअप वाहन के साथ-साथ तस्करी में पायलटिंग के लिए इस्तेमाल किए गए एक अन्य पिकअप वाहन को भी जब्त किया.. जांच में पाया गया कि तस्कर ग्रामीणों से गाय-बैल खरीदकर पहले एक स्थान पर एकत्र करते थे, फिर उन्हें झारखंड के व्यापारियों को बेचकर बूचड़खाने भेजते थे.. इस संगठित नेटवर्क में पशु विक्रेता, दलाल, परिवहनकर्ता और व्यापारी शामिल थे..

पुलिस ने तकनीकी और अन्य साधनों का उपयोग कर फरार आरोपियों की तलाश तेज की.. 23 अगस्त 2025 को विशेष टीम ने झारखंड के रंका में छापेमारी कर मुख्य आरोपी तौफीक अंसारी (40 वर्ष) और सहआरोपी मुस्ताक अंसारी (35 वर्ष), दोनों निवासी ग्राम सोनपूर्वा, थाना रंका, जिला गढ़वा, को गिरफ्तार किया.. पूछताछ में दोनों ने अपराध स्वीकार किया.. इसके बाद, 24 अगस्त 2025 को दोनों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.. अब तक इस प्रकरण में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है..
बलरामपुर पुलिस की इस कार्रवाई से गौ-तस्करी के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार हुआ है.. पुलिस ने क्षेत्र में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सतर्कता और सख्ती बरतने की बात कही है.. इस कार्रवाई की स्थानीय स्तर पर सराहना हो रही है, और जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है..