संजय गुप्ता/रामानुजगंज@ विकासखंड मुख्यालय रामानुजगंज से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम महावीरगंज का करियामाटी जलाशय इन दिनों विभागीय लापरवाही का शिकार बन गया है.. बरसात का मौसम होने के बावजूद यह जलाशय सूखने की कगार पर पहुँच गया है। कारण है–जल संसाधन विभाग की अनदेखी और वर्षों से खराब पड़ा बांध का गेट..
ग्रामवासियों की नाराजगी
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बांध के गेट की खराबी की सूचना कई बार विभागीय अधिकारियों को दी गई, लेकिन उनकी ओर से कोई गंभीर पहल नहीं की गई.. नतीजा यह हुआ कि बारिश के मौसम में भी जलाशय में पर्याप्त पानी का संचय नहीं हो पा रहा है..
इतिहास और महत्व
साल 1978 में करियामाटी जलाशय का निर्माण कराया गया था.. उस समय यह महावीरगंज और आसपास के गाँवों के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ.. करीब 500 एकड़ से अधिक खेतों की सिंचाई इसी जलाशय से होती थी। सैकड़ों किसान अपनी खेती के लिए इसी पर निर्भर थे.. इसके साथ ही यह जलाशय गाँव के जल स्तर को भी बढ़ाने में सहायक रहा..
ग्रामीण नेताओं की राय
गाँव के सरपंच पद के प्रत्याशी रह चुके अमृत सिंह ने कहा –
“करियामाटी जलाशय हमारे गाँव के लिए वरदान है। सैकड़ों किसान और उनकी जमीनें इसी से उपजाऊ बनीं। लेकिन गेट खराब हो जाने से अब हालत चिंताजनक है। बरसात में भी यह सूखने की कगार पर है।”
वहीं, पूर्व उप सरपंच समीउल्लाह अंसारी ने चिंता जताते हुए कहा –
“यह महावीरगंज का एकमात्र बांध है, जिससे पूरा गाँव लाभान्वित होता है। गेट खराब होने से पानी का भराव नहीं हो रहा। अगर यही स्थिति बनी रही तो मवेशियों के लिए भी पानी नहीं बचेगा।”

भविष्य पर संकट
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में करियामाटी जलाशय पूरी तरह बेकार हो सकता है.. इससे न सिर्फ खेती पर असर पड़ेगा बल्कि गाँव की जलापूर्ति और पशुधन पर भी संकट गहराएगा..
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग से तत्काल कार्रवाई कर बांध के गेट की मरम्मत कराने और जलाशय को बचाने की मांग की है.. उनका कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही तो करियामाटी बांध का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है..