संजय गुप्ता@ बलरामपुर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज बलरामपुर के पदाधिकारियों ने गोवा में आयोजित आदिवासी समन्वयक मंच भारत के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेकर जिले और प्रदेश की ओर से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई.. इस पुरे कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की और से नेतृत्व सर्व आदिवासी समाज बलरामपुर के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर ने किया..
अध्यक्ष बसंत कुजूर ने बताया कि इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में बलरामपुर समाज के पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, नागालैंड, मणिपुर, असम सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया..
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की परंपरागत लोकनृत्य प्रस्तुत कर आदिवासी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित किया.. मंच पर आदिवासी समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई.. इसमें विशेष रूप से जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार, परंपरा का संरक्षण, युवाओं की भागीदारी, और समाज को आधुनिक परिवेश में सशक्त बनाने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ..

इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी समाज को एक साझा मंच पर लाकर उनकी समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए सामूहिक रणनीति तैयार करना था बलरामपुर जिले की ओर से आदिवासी समाज की समस्याओं और चुनौतियों को मंच पर मजबूती से रखा गया..
दो दिवसीय इस अधिवेशन के दौरान वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही गतिविधियों और संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए यह साझा विचार रखा कि आदिवासी समाज की एकता और सामूहिक प्रयास से ही सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों का समाधान संभव है।
कार्यक्रम में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने यह संकल्प लिया कि समाज की संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे..
इस कार्यक्रम में महिमा कुजूर ,जांगसाए नेताम ,सुखनाथ मरावी , लालसाय मिंज,तारामनी नगेशिया, पी .लकड़ा एवं बलरामपुर जिला के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए