संजय गुप्ता/बलरामपुर@ सर्व आदिवासी समाज बलरामपुर के जिला अध्यक्ष बसंत कुजूर ने विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) पर केंद्र और प्रदेश सरकार की चुप्पी पर कड़ा आक्रोश जताया है.. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित इस दिवस का उद्देश्य आदिवासी अस्मिता, अधिकार और संस्कृति की रक्षा करना है, लेकिन इस वर्ष न तो केंद्र और न ही प्रदेश स्तर पर कोई कार्यक्रम आयोजित किया गया..
कुजूर ने आरोप लगाया कि भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दोनों ही आदिवासी समुदाय से होने के बावजूद आदिवासी समाज के लिए न तो संदेश जारी किया गया और न ही बधाई दी गई.. यह केवल उपेक्षा नहीं बल्कि आदिवासी समाज का अपमान है..
उन्होंने कहा कि प्रदेश के आदिवासी मंत्री और जनप्रतिनिधि भी इस दिवस पर कोई भूमिका नहीं निभा सके, जिससे सरकार की आदिवासी समाज के प्रति दोहरी मानसिकता उजागर होती है.. कुजूर ने चेतावनी दी कि ऐसी अनदेखी से समाज में उपेक्षित होने की भावना और गहरी हो रही है..